क्या स्मार्टफोन के रेडिएशन से सच में कैंसर होता है, आइये सच जानते हैं
अभी हाल ही में रिलीज़ हुयी देश की एक बहुत महंगी फिल्म 2.0 जिसमे दिखाया गया है की मोबाइल से और मोबाइल के टॉवरों से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर हो रहा है और इसी की वजह से ही पंछी भी मर रहे हैं जिसके कारण उनकी संख्या काफी कम होते चली जा रही है। तो आज हम आपको यही वैज्ञानिक कारण बताने वाले हैं की क्या सच में इस रेडिएशन से कोई दुष्प्रभाव है या नहीं।सबसे पहले हमे जानना होगा की मोबाइल से कौन सा रेडिएशन निकलता है। स्मार्टफोन से रेडियो वेव्स निकलती हैं और टावर्स से भी यही निकलती हैं। लेकिन क्या यह हमारे लिए हानिकारक हैं या नहीं अब यह जान लेते हैं।
विज्ञानं में हमे स्पेक्ट्रम पढ़ाया जाता है जिसके अनुसार अलग अलग रेडिएशन बनते हैं जैसे जैसे उनकी वेवलेंथ बदलती है। और जिस तरंग की वेवलेंथ काम होती है उसकी फ्रीक्वेंसी बहुत ज्यादा होने की वजह से वे हमे नुकसान पहुंचा सकती हैं।
विज्ञानं में ही हमे यह भी पढ़ाया जाता है की रेडियो,माइक्रो,और अल्ट्रा वायलेट तरंगो की वेवलेंथ साधारण प्रकाश से काम होती है और एक्स-रे , और गामा रे की साधारण प्रकाश से काफी अधिक होती है।
यही इस बात का कारन है की अगर आप प्रकाश से ज्यादा वेवलेंथ वाली रेडिएशन में ज्यादा देर रहते हैं तो आपके सेल्स टूटने लगते हैं और आपको कैंसर हो सकता है। लेकिन प्रकाश सेकम वेवलेंथ वाली किरणों से आपको किसी भी प्रकार को कोई भी नुक्सान नहीं होता है।
इससे यह बात तो एकदम साफ़ है की फिल्म में गलत दिखाया गया है और आपको गलत चीज़ें दिखा कर ध्यान भटकाया गया है बस और कुछ नहीं।
धन्यवाद्